हैदराबाद एनकाउंटर : सांसद नवनीत राणा ने कहा एक मां, बेटी और पत्नी होने के नाते मैं इसका स्वागत करती हूं

तेलंगाना के हैदराबाद में हुए एनकाउंटर पर महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा है, 'एक मां, बेटी और पत्नी होने के नाते मैं इसका स्वागत करती हूं नहीं तो वे सालों से जेल में ही दिन काटते रहते. निर्भया का नाम भी निर्भया नहीं होता लोगों ने नाम दिया था.


नई दिल्ली: तेलंगाना के हैदराबाद में हुए एनकाउंटर पर महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा है, 'एक मां, बेटी और पत्नी होने के नाते मैं इसका स्वागत करती हूं नहीं तो वे सालों से जेल में ही दिन काटते रहते. निर्भया का नाम भी निर्भया नहीं होता लोगों ने नाम दिया था. मुझे लगता है कि उसे नाम देने के बजाए इन्हें ऐसा अंजाम देना जरूरी है'.  आपको बता दें कि इस एनकाउंटर का मुद्दा संसद में भी गूंज रहा है और इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखनो के मिल रही है. बीजेपी सांसद ने इस एनकाउंट पर सवाल उठाएं हैं. उन्होंने कहा कि वहां जो हुआ वह बहुत भयानक हुआ इस देश के लिए. आप लोगों को ऐसे नहीं मार सकते हैं. आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं. मेनका गांधी ने कहा कि वे आरोपी थे और वैसे भी कोर्ट से उसे फांसी की सजा मिलती. उन्‍होंने कहा कि ऐसा होने लगे तो फिर फायदा क्‍या है कानून का, फायदा क्‍या है सिस्‍टम का. मेनका ने कहा, 'इस तरह तो अदलात और कानून का कोई फायदा ही नहीं, जिसको मन हो बंदूक  उठाओ जिसको मारना हो मारो. कानूनी प्रक्रिया में गए बिना आप उसे मार रहे हो तो फिर कोर्ट, कानून और पुलिस का क्‍या औचित्‍य रह जाएगा'.


वहीं कांग्रेस की राज्यसभा विप्लव ठाकुर ने भी पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, 'तेलंगाना पुलिस से कैसे हथियार छीन लिए. पुलिस हमारी इतनी निकम्मी हो गई है कोई भी हथियार छीन सकता है. लेकर गए हैं तो उनकी पास फ़ोर्स पूरी नहीं थी, कैसे भाग गए? पुलिस सवाल के घेरे में है.  भागने देने पर एनकाउंटर कर दिया. सजा के हक़ में हूं लेकिन पुलिस जो बता रही है,  मेरा मानना है कि कानून को अपना हाथ में नहीं लेना चाहिए था. इस मामले में जांच होनी चाहिए. पुलिस की लापरवाही है भाग रहे थे तो पैर में गोली मारनी चाहिए थी.