सीएम शिवराज 20 अप्रैल को कर सकते हैं मंत्रिमंडल का गठन, लेकिन मंत्रियों की संख्या को लेकर फंसा ये पेंच


भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के गठन की कवायद तेज कर दी है। अगले सप्ताह मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है। लेकिन मंत्रिमंडल गठन में मंत्रियों की संख्या को लेकर पेंच फंस रहा हैं। कोरोना संकटकाल में शिवराज के साथ प्रदेश पार्टी अध्यक्ष और संगठन महामंत्री छोटा मंत्रिमंडल के पक्ष में हैं , जिससे मंत्रीमंडल का कामकाज सुचारू रूप से चल सके। लेकिन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्‍य सिंधिया इसके लिए तैयार नहीं हैं।


दरअसल सिंधिया चाहते हैं कि मंत्रीमंडल बने तो उनके सभी लोगों को उसमें शामिल किया जाए। इसे लेकिर सिंधिया ने गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी और शुक्रवार को उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने भी यही फिर से दोहराई। संख्या को लेकर अब फैसला नड्डा को लेना है।


गौरतलब है कि मध्‍यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद कोरोना संकटकाल के बीच भाजपा की सरकार बनने पर शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली कोरोना संकट को देखते हुए उनके साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली थी। सीएम बनने के बाद से वो अकेले ही कोरोनावायरस की महामारी से पैदा हुए कारणों से जूझ रहे हैं। इसे लेकर वह विपक्ष के निशाने पर भी हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ ने ये आरोप भी लगाया था कि देश का इकलौता राज्य है, जहां कोरोना संकट में स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री नहीं है। 


सिंधिया ने दिया ये तर्क


सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल के गठन को लेकर आंतरिक स्तर पर मुख्यमंत्री की वरिष्ठ नेताओं से लगातार चर्चाएं चल रही हैं। मंत्रिमंडल गठन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय को भी तवज्जो दी जा रही है। यदि सिंधिया की बात मानी जाती है तो पहली सूची में तुलसी सिलावट के साथ गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी के नाम शामिल होंगे। इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कई वरिष्ठ नेता के बारे में भाजपा को सोचना पड़ेगा1 सिंधिया का तर्क हैं कि इन्हें उप-चुनाव में जाना है। पार्टी के प्रमुख नेताओं का कहना है कि यदि इसी लाइन पर आगे बढ़ा गया तो मंत्रियों की पहली सूची में पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को भी शामिल करना पड़ेगा। शिवराज, वीडी शर्मा और सुहास भगत ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद केंद्रीय नेतृत्व को इस बारे में अवगत करा दिया गया है। शनिवार को नड्डा संख्या को लेकर स्थिति साफ कर सकते हैं।