Lockdown: क्या 20 लाख प्रवासी श्रमिक लिखेंगे 2022 में राजनीतिक दलों की तकदीर?


लखनऊ । वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (COVID-19) के चलते देश भर में लॉकडाउन (Lockdown) लागू है. लाखों की संख्या में लोग ट्रेन, बसों, वाहनों और पैदल उत्तर प्रदेश में वापसी कर रहे हैं. कोरोना महामारी ने खानपान रहन सहन तो बदल ही दिया है, वहीं आने वाले समय में राजनीति का रंग भी बदल देगा. कोरोना काल और लॉकडाउन से बेहाल मजदूरों का उत्तर प्रदेश आना निरंतर जारी है. यही कारण है कि सत्ताधारी बीजेपी हो या फिर विपक्षी पार्टियां सभी श्रमिकों के साथ इस परेशानी वाले समय में साथ खड़ा रहना दिखाना चाहती है. बीजेपी क्योंकि सत्ताधारी पार्टी है इसलिए सवाल भी सबसे ज्यादा होना लाजिमी है।

90 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य 

बीजेपी सरकार इन श्रमिकों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने में जुटी है. सरकार ने साफ कर दिया है कि यूपी आइए उद्योग लगाइए और 1000 दिनों के भीतर एऩओसी पाइए. एमएसएमई और ओडीओपी सेक्टर से भी 90 लाख रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है. बीजेपी सरकार की मानें तो 20 लाख प्रवासी श्रमिकों कामगारों की चुनौती को अवसर में तब्दील करेगी. श्रमिकों कामगारों की सुरक्षित वापसी के साथ ही लेबर रिफार्म कानून के जरिए गांवों और कस्बों में नौकरियां और रोजगार देने की तैयारी है. दूसरी तरफ बीजेपी के दिग्गज मिशन 2022 को भी साथ लेकर चल रहे हैं. रविवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने जिलाध्यक्षों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि आपदा के दौर में बड़ी संख्या में प्रवासी अपने गांवघर लौट रहे हैं ।