मिठी ईद पर भोपाल से गुम हुई मिठास, चार दशरों की ये परंपरा भी टूटी


भोपाल । झीलों का शहर भोपाल वो शहर है जहां कई बार गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिलती है. और मौका जब ईद का हो तो बाजारों में इसका संगम खास तौर पर देखने तो मिलता है. सोमवार को मिठी ईद के मौके पर शहर में इस साल मिठाई लॉकडाउन के कारण कुछ कम सी दिखाई देगी. ईद के मौके पर सादगी के लिए बाजारों में होने वाली रौनक इस साल गायब सी है. जहां इस बार ईद के मौके पर बाजारों में इत्र की खुशबू फीकी नजर आ रही है तो वहीं शहर में लॉकडाउन के कारण सेवइयों की मिठास कम हो गई है. गंगा जमुना तहजीब के लिए देश भर में मशहूर झीलों का शहर भोपाल रमजान के दिनों में हमेशा से कुछ अलग ही रंग में रंगा हुआ नजर आता था लेकिन इस साल नजारा विपरीत है.मिठी ईद पर इस बार शहर में प्रदेश की राजधानी भोपाल में पवित्र माह रमजान के दौरान पिछली तीन पीढ़ियों से कानपुर के खास पंडित हलवाई शहर आकर रमजान की मिठास बढ़ा रहे थे जो इस साल प्रदेशवासियों के मुंह से दूर है।


लॉकडाउन में मनाई जा रही ईद पर इस बार राजधानी वासियों के मुंह से पंडितों के हाथ से बनी हुई फैनियां दूर रहेंगी. प्रदेश की राजधानी में 40 साल से पवित्र माह रमजान के दौरान पिछली तीन पीढ़ियों से कानपुर के पंडित हलवाई भोपाल आकर ईद की मिठास बढ़ाते थे. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते पंडित हलवाई अपने शहर कानपुर से भोपाल नहीं आ पाए. जिसके चलते भोपालवासी कानपुर के पंडित हलवाइयों के हाथ से बनी फैनी और सेवइयों को याद कर रहे हैं. इस लॉकडाउन ने जहां त्योहारों को फीका किया है वहीं चार दशरों की ये परंपरा को भी तोड़ा है. भोपाल के इब्राहिमपुरा स्थित गुड्डू खान की दुकान पर ये कानपुर के पंडित हलवाई फैनी सेवइयां बनाने आते थे लेकिन अब उनकी कमी खल रही है. दुकान संचालक मोहम्मद अज़हर बताते है कि यही भाईचारे के पैगाम देने वाली ईद है जिसे हिन्दू मुस्लिम भाईचारे के साथ मानते है लेकिन इस साल कोरोना ने खुशियों में थोड़ा खलल डाल दिया है।


लोकडाउन के चलते इस बार कानपुर के पंडित हलवाई शहर नहीं आ पाए हैं जिससे लगभग 40 सालों से मुस्लिम समुदाय के लोगों की सहरी के लिए शीरमाल और सेवइयां तैयार की इस परंपरा को कोरोना ने तोड़ दिया है. रमजान के खास मौके पर पुराने शहर के लखेरापुरा, इब्राहिमपुरा, चौक बाजार ,लोहा बाजार, आजाद मार्केट समेत कई स्पेशल बाजारों में रौनक छाई रहती थी. रमजान की रातों में सभी बाजार गुलजार हुआ करते थे. लोग खाने-पीने के साथ ही कपड़े, ज्वैलरी, जूते-चप्पल, सजावट का सामान जैसी तमाम चीजो की जमकर खरीदारी करते हुए दिखाई देते थे जो इस बार कोरोना की वजह से ठंडा है. वहीं चौक बाजार सहित पुराने शहर के कई हिस्सों में बिकने वाले शीरमाल सेवईयां जैसे व्यंजन की खरीदारी करने बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग जाया करते थे.रातों में बाजार खासा गुलजार होते थे. मगर इस बार कोरोना को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने रमजान का रंग फीका कर दिया है.