किसान, कारोबार और रेहड़ी-पटरी वालों को बड़े तोहफे, अब सरकार देगी ये लाभ


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक पूरी हो चुकी है. आज की बैठक में कई अहम और ऐतिहासिक फैसले लिए गए. आज ही से कंटेनमेंट ज़ोन में पांचवें चरण का लॉकडाउन के साथ अन्य जगहों पर अनलॉक 1.0 भी शुरू हुआ है. मोदी कैबिनेट की यह बैठक इसलिए भी खास मानी जा रही थी क्योंकि मोदी सरकार 2.0 का पहला साल पूरा हो चुका है. कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी।


बदली MSME की परिभाषा


कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदलने पर मुहर। इसके तहत अब 1 करोड़ रुपये निवेश और 5 करोड़ रुपये का कारोबार सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में होगा. 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ का टर्नओवर वाला कारोबार लघु और 20 करोड़ रुपये का निवेश 250 करोड़ रुपये के कारोबार को मध्यम उद्योग की श्रेणी में होगा. 2006 के MSMEs एक्ट के 14 साल बाद संशोधित किया गया है. इससे करीब 2 लाख कंपनियों को फायदा होगा।


50 लाख से ज्यादा दुकानदारों को कर्ज


रेहड़ी लगाने वालों के लिए भी क्रेडिट स्कीम को मंजूरी दी गई है. सरकार ने इस योजना को 'प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि' योजना नाम दिया है. शहरी आवास मंत्रालय ने विशेष सूक्ष्म ऋण योजना शुरू की है. इसके जरिए छोटी दुकानें चलाने वाले या रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वाले लोन ले सकते हैं. यह योजना लंबे समय तक चलेगी. इसका फायदा 50 लाख से ज्यादा दुकानदारों को मिलेगा. इसे एक साल के भीतर मासिक किस्त में लौटा सकते हैं. वक्त पर पैसा लौटाने वालों को 7 फीसदी ब्याज सब्सिडी के तौर पर खाते में जमा कर दिया जाएगा. इसमें किसी तरह की पेनल्टी का प्रावधान नहीं है.


किसानों के लिए क्या ऐलान किए गए?


कैबिनेट ने 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है. किसानों को मूल्य की तुलना में 50-83 फीसदी तक ज्यादा मिल सकेगा. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कटाई की अनुमति दी और किसानों के साथ खड़ी रही. किसान ने इस साल बंपर खेती करके देश को समर्पित किया है. उन्होंने बताया आज तक गेहूं की खरीद 360 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है. पिछले साल तक 342 लाख मीट्रिक टन थी. धान की खरीद इस साल अब तक 95 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है. पिछले साल यह 90 लाख मीट्रिक टन थी. दलहन और तिलहन की खरीद इस साल अब तक 16.07 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है जो पिछले साल 15 लाख मीट्रिक टन थी।